नक्सलवाद और आतंकवाद । Naxlwad and Terrorism
look.thats.im
आज भी एक आबादी जंगलों-बीहड़ो में रहती है, उनके अपने संस्कार हैं सभ्यता है, अज्ञानतावश अपने धर्म को दूसरे भूखंड के लोगों से साँझा नहीं कर पा रहे हैं, ऐसे में हम उनके बीच अपनी बस्ती बसाने जायें तो वे हम पर हमला कर सकते हैं, और अगर बलपूर्वक अपना संस्कार सिखाना चाहें तो वे नक्सलवाद अथवा आतंकवाद का रूप लेकर हम पर नुकसान पहुँचा सकते हैं, भलाई इसी में है कि वे खुद से हम पर आकर्षित होकर हमारा संस्कार सीखें हमारा धर्म सीखें।
How to find peace!
आज भी एक आबादी जंगलों-बीहड़ो में रहती है, उनके अपने संस्कार हैं सभ्यता है, अज्ञानतावश अपने धर्म को दूसरे भूखंड के लोगों से साँझा नहीं कर पा रहे हैं, ऐसे में हम उनके बीच अपनी बस्ती बसाने जायें तो वे हम पर हमला कर सकते हैं, और अगर बलपूर्वक अपना संस्कार सिखाना चाहें तो वे नक्सलवाद अथवा आतंकवाद का रूप लेकर हम पर नुकसान पहुँचा सकते हैं, भलाई इसी में है कि वे खुद से हम पर आकर्षित होकर हमारा संस्कार सीखें हमारा धर्म सीखें।
How to find peace!
Comments
Post a Comment