धर्म और साइन्स । Religion and Science
अक्सर बहस छिड़ती है कि साइन्स से धर्म को सिद्ध करो। धर्म मानव की मनोवृत्ति है जिसका अध्धयन है। वैसा ही साइन्स की नई खोज को भी कह दिया जाता है कि हमारे धर्म में पहले से ही यह बात कह दी गई थी। धर्म का कार्य मानव को सभ्य बनाना है भाई-चारा सिखाना है न कि किसी साइन्स को सिद्ध करने की जवाबदारी है। धर्म में साइन्स की बात उतनी ही की है जितनी मानवता के लिए आवश्यक है। साइन्स इन्सान को दयालु नहीं बना सकता, ईमानदार नहीं बना सकता। जिन्होंने धर्म में साइन्स देखें हैं एवं उससे खेलना सीखा है, क्रूर हुएं है एवं हिंसक हुएं हैं एवं अपने स्वार्थ के पीछे अन्यायी हुएं हैं। धर्म त्याग सिखाता है, विश्वास सिखाता है, कर्तव्य एवं साधना का नाम है।
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