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नक्सलवाद और आतंकवाद -2 । Naxlwad and Terrorism - 2

 अब प्रकृति का फैसला आ गया है, प्रकृति ने कोई नई किताब नहीं उतरी है, करोना काल उतार दिया है। एक भू-खण्ड के वासी दूसरे भू-खण्ड के संस्कार व भावना नहीं समझ पा रहे थे। अब तो एक शहर से दूसरे शहर का रास्ता भी बंद कर दिया गया हैं। अब काहे का नक्सलवाद और कहे का आतंकवाद, सीमा पर भी जो वर्दी ख़ाक़ी थी अब सफेद हुई है, अब बचाओ दल बन गए हैं, एक दूसरे को बचाने की चिंता है बस।

धर्म की पराकाष्ठता एवं प्रबलता । Highness and power of religion

  किसी धर्म की पराकाष्ठता एवं प्रबलता उसकी उत्तम न्याय दृष्टि है। बिना द्वेष के बिना ईर्ष्या के लोगों को स्वीकार करना एवं धर्म के अनुकूल व्यवस्थित करना है। देश का भविष्य निश्चित रूप से इस पर निर्भर करता है। जिस देश में गृहयुद्ध चलता रहता हो क्या वो उन्नत हो सकता है?  look.thats.im

धर्म और साइन्स । Religion and Science

अक्सर बहस छिड़ती है कि साइन्स से धर्म को सिद्ध करो। धर्म मानव की मनोवृत्ति है जिसका अध्धयन है। वैसा ही साइन्स की नई खोज को भी कह दिया जाता है कि हमारे धर्म में पहले से ही यह बात कह दी गई थी। धर्म का कार्य मानव को सभ्य बनाना है भाई-चारा सिखाना है न कि किसी साइन्स को सिद्ध करने की जवाबदारी है। धर्म में साइन्स की बात उतनी ही की है जितनी मानवता के लिए आवश्यक है। साइन्स इन्सान को दयालु नहीं बना सकता, ईमानदार नहीं बना सकता। जिन्होंने धर्म में साइन्स देखें हैं एवं उससे खेलना सीखा है, क्रूर हुएं है एवं हिंसक हुएं हैं एवं अपने स्वार्थ के पीछे अन्यायी हुएं हैं। धर्म त्याग सिखाता है, विश्वास सिखाता है, कर्तव्य एवं साधना का नाम है।   वापस               look.thats.im

विश्वशांति के बाधक । Obstructing world peace

मनुष्य को बोलचाल से लेकर सोच, विचार एवं संस्कार की उत्पत्ति ने उसे महान बना दिया, एवं इसी पर सारी दुनिया आधारित है  (इस टॉपिक पर कौन सा धर्म पहले आया में पहले से ही कई विडियो नेट पर पड़ी है)। धर्म ऊँच नीच नहीं सिखाता पर लोगो ने भेदभाव व झगड़े उत्पन्न कर दिये, जो विश्वशांति के मुख्य बाधक हैं। आज करोना महामारी की वजह से सारे रास्ते बन्द कर दिए गए हैं। वही परिस्थिति आ पहुंची है, जैसा कि आदि काल में साधन न होने के कारण एक दूसरे से मिल नहीं सकते थे, एक ही कस्बे के लोग आपस में मिल कर रह सकते हैं, पर अगर अब रास्ते खुलते हैं तो आपस में समानता ढूँढ़ने की आवश्यकता है, विश्वशांति स्थापित करना ही लाभकारी है।

मानव धर्म मानव के लिए । Human religion for humans

पृथ्वी के सारे धर्म यही कहते हैं कि सारी सृष्टि का एक ही रचयिता है। जिसे अनेक धर्मो ने अपने अपने नाम दिए हैं। परमेश्वर, खुदा, गाड इत्यादि। उनकी परिकल्पना में कुछ समानता एवं कुछ भिन्नता है, पृथ्वी के उस भाग की भौगोलिक परिस्थितियों के कारण हो सकता है, पर आज तेज़ रफ़्तार जहाज़ों ने तो पृथ्वी तो क्या अंतरिक्ष की दूरियाँ भी कम कर दी हैं। तो फिर उनका अनुभव क्या है एवं मान्यता क्या होगी, क्या आज भी हठधर्मी हैं। अपने धर्म का पालन करना तो अति आवश्यक है परंतु बिना किसी को नुकसान पहुंचाए, बिना किसी से द्वेष के एवं बिना ईर्ष्या के। सूरज एक ही गति से चलता है प्रत्येक धर्मों के लिए, चाँद और तारे भी एक ही गति से चमकते एवं विलुप्त होते हैं। अलग अलग धर्मों के लिए अपनी गति नहीं बदलते, अगर उनके कार्यों में विवाद नहीं तो हमारे धर्मों में कैसा विवाद। मानव धर्म मानव सेवा है एवं निःस्वार्थ। How to find peace

धर्म ग्रन्थ अत्याचार के खिलाफ । Scripture against Persecution

look.thats.im   जब जब पृथ्वी पर अत्याचार बढ़े हैं, तब तब कोई न कोई शक्ति ने जन्म लिया है और अपने ग्रन्थ दिए हैं अत्याचार के खिलाफ। आज पृथ्वी के सम्पूर्ण भाग में ग्रन्थ उतर चुके हैं। नए युग के लोगों ने ग्रंथों की शिक्षा भी ग्रहण की है, और कुछ ने तो इतना पढ़ लिया कि उस काल के ग्रन्थ लिखने वाले उन पूज्नीय महान हस्तियों ने भी न पढ़ा हो। परन्तु आज भी भ्रष्टाचार एवं अत्याचार कम नहीं। अत्याचारियों ने तो धर्म को भी अपनी लड़ाई एवं अपने अत्याचार करने का माध्यम बना लिया है। ऐसे में कौन से नए ग्रन्थ का इन्तज़ार है, औलोकिक शक्तियाँ अपने गुस्से एवं प्रकोप के माध्यम से अपनी नाराज़गी जताए और फिर एक नए ग्रन्थ के माध्यम से अत्याचार खत्म करने को कहे। How to find peace

नक्सलवाद और आतंकवाद । Naxlwad and Terrorism

look.thats.im   आज भी एक आबादी जंगलों-बीहड़ो में रहती है, उनके अपने संस्कार हैं सभ्यता है, अज्ञानतावश अपने धर्म को दूसरे भूखंड के लोगों से साँझा नहीं कर पा रहे हैं, ऐसे में हम उनके बीच अपनी बस्ती बसाने जायें तो वे हम पर हमला कर सकते हैं, और अगर बलपूर्वक अपना संस्कार सिखाना चाहें तो वे नक्सलवाद अथवा आतंकवाद का रूप लेकर हम पर नुकसान पहुँचा सकते हैं, भलाई इसी में है कि वे खुद से हम पर आकर्षित होकर हमारा संस्कार सीखें हमारा धर्म सीखें। How to find peace!