नक्सलवाद और आतंकवाद -2 । Naxlwad and Terrorism - 2
अब प्रकृति का फैसला आ गया है, प्रकृति ने कोई नई किताब नहीं उतरी है, करोना काल उतार दिया है। एक भू-खण्ड के वासी दूसरे भू-खण्ड के संस्कार व भावना नहीं समझ पा रहे थे। अब तो एक शहर से दूसरे शहर का रास्ता भी बंद कर दिया गया हैं। अब काहे का नक्सलवाद और कहे का आतंकवाद, सीमा पर भी जो वर्दी ख़ाक़ी थी अब सफेद हुई है, अब बचाओ दल बन गए हैं, एक दूसरे को बचाने की चिंता है बस।