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Showing posts from March, 2020

धर्म ग्रन्थ अत्याचार के खिलाफ । Scripture against Persecution

look.thats.im   जब जब पृथ्वी पर अत्याचार बढ़े हैं, तब तब कोई न कोई शक्ति ने जन्म लिया है और अपने ग्रन्थ दिए हैं अत्याचार के खिलाफ। आज पृथ्वी के सम्पूर्ण भाग में ग्रन्थ उतर चुके हैं। नए युग के लोगों ने ग्रंथों की शिक्षा भी ग्रहण की है, और कुछ ने तो इतना पढ़ लिया कि उस काल के ग्रन्थ लिखने वाले उन पूज्नीय महान हस्तियों ने भी न पढ़ा हो। परन्तु आज भी भ्रष्टाचार एवं अत्याचार कम नहीं। अत्याचारियों ने तो धर्म को भी अपनी लड़ाई एवं अपने अत्याचार करने का माध्यम बना लिया है। ऐसे में कौन से नए ग्रन्थ का इन्तज़ार है, औलोकिक शक्तियाँ अपने गुस्से एवं प्रकोप के माध्यम से अपनी नाराज़गी जताए और फिर एक नए ग्रन्थ के माध्यम से अत्याचार खत्म करने को कहे। How to find peace

नक्सलवाद और आतंकवाद । Naxlwad and Terrorism

look.thats.im   आज भी एक आबादी जंगलों-बीहड़ो में रहती है, उनके अपने संस्कार हैं सभ्यता है, अज्ञानतावश अपने धर्म को दूसरे भूखंड के लोगों से साँझा नहीं कर पा रहे हैं, ऐसे में हम उनके बीच अपनी बस्ती बसाने जायें तो वे हम पर हमला कर सकते हैं, और अगर बलपूर्वक अपना संस्कार सिखाना चाहें तो वे नक्सलवाद अथवा आतंकवाद का रूप लेकर हम पर नुकसान पहुँचा सकते हैं, भलाई इसी में है कि वे खुद से हम पर आकर्षित होकर हमारा संस्कार सीखें हमारा धर्म सीखें। How to find peace!

आदि काल जंगल में । Aadi kal in the jungle

    look.thats.im   प्राचीन कालीन मानव बीहड़ो एवं जंगलो में रहता था। उसका रहन सहन भी वैसा था, जब एक तरह के दो टांग के दो हाथ वाले लोग आपस में मिलते तो इशारे एवं आवाज़ से एक दूसरे को समझाते एवं काम करते, इस तरह बोली का जन्म हुआ। जैसे जैसे युग बदला अजीव वस्तु, जीव एवं समय का विज्ञान समझने लगा एवं एक दूसरे पर विश्वास करने लगा अंततः टोली बना कर रहने लगा, फिर मानव जीवन मधुर बनाने हेतु संस्कार बनने लगे एवं धर्म का निर्माण हुआ। इस तरह बस्तियों का निर्माण फिर शहरों का निर्माण एवं देश का निर्माण हुआ। पृथ्वी की भौगोलिकता के कारण मनुष्य के रंग रूप एवं आकार में थोड़े बहुत बदलाव आए जिससे हम जान सकते हैं के वह पृथ्वी के किस भाग का है। आज का युग तकनीकी एवं अविष्कार का युग है। जितनी खोज होती जा रही है खोज एवं अविष्कार में चुनौती बढ़ती जा रही है। जिसके आगे रंग रूप भेद कम पड़ जाते हैँ। How to find peace!